बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार 'द डेली स्टार' ने लिखा है कि सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के मुताबिक़ ये प्रदर्शन शेख़ हसीना की 'बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों' की वजह से किया गया.
शेख़ हसीना के विरोधियों का कहना है वो भारत में बैठ कर बांग्लादेश विरोधी गतिविधियां चला रही हैं.
पिछले साल बांग्लादेश में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख़ हसीना को देश छोड़ना पड़ा था और वो 5 अगस्त को भारत आ गई थीं.
शेख़ हसीना की पार्टी की छात्र शाखा छात्र लीग ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें शेख़ हसीना को फेसबुक के जरिये बोलना था. कार्यक्रम के लिए रात नौ बजे का वक़्त तय किया गया था.
इस कार्यक्रम की भनक मिलते ही प्रदर्शनकारियों ने 'बुलडोजर प्रदर्शन' का आह्वान कर दिया. इसका समय भी रात नौ बजे रखा गया था. लेकिन भेदभाव विरोधी आंदोलन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला की अपील पर रात आठ बजे ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी फावड़ा और हथौडे़ लेकर धानमंडी-32 में घुस आए.
'द डेली स्टार' ने चश्मदीदों के हवाले से कहा है कि उन्होंने वहां लगे शेख़ मुजीबुर्रहमान के भित्ति चित्रों को विकृत कर दिया.
अख़बार के मुताबिक़ रात साढ़े नौ बजे इस बिल्डिंग में आग लगा दी गई. और आधी रात के थोड़ी देर पहले एक क्रेन और एक खुदाई करने वाली मशीन वहां पहुंच गई. इसके बाद रात दो बजे के आसपास बिल्डिंग का एक हिस्सा गिरा दिया गया.
एक प्रदर्शनकारी ने बीबीसी से कहा कि वो लोग म्यूजियम में तब्दील कर दिए गए इस घर को इसलिए जला डालना चाहते थे क्योंकि ये 'फासीवाद' का प्रतीक बन गया था.